कौन है दुलारी देवी? जिनकी भेंट की हुई सारी पहन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पेश किया 2025 का बजट

कौन है दुलारी देवी? जिनकी भेंट की हुई सारी पहन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पेश किया 2025 का बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने उपहार में मिली सारी को पहनी तो दुलारी देवी जी काफी खुश हुई

 

Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने आज लगातार आठवां बजट भाषण पेश कर रिकॉर्ड बना दिया है। आज बजट के मौके पर उन्होंने मधुबनी आर्ट की साड़ी पहनी जिसे दुलारी देवी जी ने उन्हें बतौर गिफ्ट दिया था। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने उपहार में मिली सारी को पहनी तो दुलारी देवी जी काफी खुश हुई और अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने उनसे अनुरोध किया था कि बस यही साड़ी पहने क्योंकि वह साड़ी को बनाने में उन्हें एक महीने का समय लगा था और उन्हें बहुत खुशी है कि उन्होंने आज वह साड़ी पहनी। तो आईए जानते हैं आखिर साड़ी में क्या थी खास बात?

 

कौन है दुलारी देवी?

 

बिहार के मधुबनी जिले में जन्मी दुलारी देवी मछुआरा समुदाय से आती हैं, उन्होंने जन्म से ही गरीबी देखी है। दुलारी देवी की छोटी उम्र में शादी हो गई थी और महज़ 16 साल की उम्र में उन्हें उनके पति ने छोड़ दिया था। इतना ही नहीं उनके ऊपर दुखों का पहाड़ तब टूटा जब उन्होंने अपने बच्चों को खो दिया। इसके बाद अपनी जिंदगी जीने के लिए उन्होंने 16 साल तक के घरेलू नौकरानी के रूप में काम किया। दुलारी देवी जी ने जीवन को चलाने के लिए मधुबनी पेंटिंग भी सीखा और यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था। खराब परिस्थितियों से लड़कर उन्होंने मधुबनी पेंटिंग सीखी और यही से उनकी पहचान मिलनी शुरू हुई और आज उनके द्वारा बनी साड़ियां देश दुनिया के लोग पहनते हैं। आपको बता दें की दुलारी देवी जी को अपनी आर्ट और अपनी मधुबनी पेंटिंग के कारण पदम श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके द्वारा बनाई हुई साड़ी को बेंगलुरु सिल्क कहा जाता है।

 

क्या है इस साड़ी की खासियत

आपको बता दे की निर्मला सीतारमण जी ने मधुबनी कला और पद्म श्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी के कौशल को सम्मान देने के लिए यह साड़ी पहनी। जब एफएम ने मिथिला आर्ट इंस्टिट्यूट में क्रेडिट आउट रीच गतिविधि के लिए मधुबनी का दौरा किया तो उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात की थी और बिहार में मधुबनी कला पर सौहार्दपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान किया। दुलारी देवी ने साड़ी पेश की थी और एफएम से इसे बजट के दिन पहनने के लिए अनुरोध भी किया था। मधुबनी साड़ी की खासियत उसमें बनी मिथिला पेंटिंग्स होती है, यह पेंटिंग हाथ से बनाई जाती है जिसमें देवी देवताओं, प्रकृति, पौराणिक कथाओं और विवाह से जुड़े चित्र होते हैं। इस कला को खास तौर पर प्राकृतिक रंगों से तैयार किया जाता है, यह साड़ी पर्यावरण के अनुकूल होती है। मधुबनी साड़ी की यह खासियत है कि इसे आम साड़ियों से अलग बनाती है। यह सिर्फ एक वरदान नहीं बल्कि बिहार और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी माना जाता है।